रिश्ते
रिश्ते जी हाँ रिश्ते, इस धरती पर जन्म लेते ही हम कई रिश्तों में बंध जाते हैं माँ बाप, भाई, बहन, दादा दादी, चाचा चाची, जैसे अनगिनत रिश्ते हमारे अपने हो जाते हैं, एक दूसरे के प्रति प्यार प्रेम, स्नेह के अटूट बंधन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन जाते हैं, जैसे जैसे हम बड़े होते हैं तो दोस्ती, ससुराल के रिश्ते, जीवन साथी, औलाद अनेक व्यक्तियों के साथ रिश्ते जुड़ जाते हैं, लेकिन यह भी देखा गया है कि जीवन के इस सफर में कई रिश्ते पीछे रह जाते और कई नए रिश्ते भी जुड़ते रहते हैंl समय परिवर्तनशील है और समय के साथ साथ रिश्तों में भी बदलाव आता है l छोटे बच्चे को माँ बाप की आवश्यता होती है परंतु धीरे धीरे जब व्यक्ति स्वावलंबी हो जाता है और माता पिता पर निर्भर नहीं रहता तो रिश्तों में बदलाव आना स्वाभाविक है, ऐसा नहीं कि प्रेम या स्नेह में कमी होती है उस व्यक्ति की प्रथमिकतायें बदल जाती हैं, यही कारण है कि समय के साथ रिश्तों में भी बदलाव आ जाता है l
रेखा जोशी
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