Wednesday, 17 April 2013

माँ कालरात्रि

सप्तम शक्ति
गर्दभ पे सवार
माँ कालरात्रि
.....................
ज्वाला अग्नि की
तीन नेत्र ब्रह्मांड
दुर्गुण भस्म
...................
करे कल्याण
सब दुःख हरनी
अम्बे भवानी
....................
रंग है काला
गले विद्धुत माला
नयन ज्वाला
....................
मिटे अँधेरा
फैल जाता प्रकाश
है शुभंकरी


8 comments:

  1. सुन्दर आध्यात्मिक प्रस्तुति आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें कौन मजबूत? कौन कमजोर ? .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

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    1. शालिनी जी ,आपका हार्दिक धन्यवाद ,आभार

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  2. जय माता दी | नववर्ष और नवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें | सुन्दर आध्यात्मिक और भावपूर्ण रचना |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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    1. तुषार जी आपका हार्दिक धन्यवाद ,आभार

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बृहस्पतिवार (18-04-2013) के दुआ करो किसानों के लिए ( चर्चा - 1218 ) (मयंक का कोना) पर भी होगी!
    नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
    माँ कालरात्रि आप सबका कल्याण करें!
    सूचनार्थ...सादर!

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    1. शास्त्री जी ,मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने पर हार्दिक आभार ,नवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें ,जय माता की

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  4. सुंदर है ...माँ के हर रूप को नमन

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  5. हार्दिक धन्यवाद चैतन्य जी ,आभार

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