Saturday, 20 April 2013

हे राम आओ संहार रावण का करने

पांच साल की मासूम बच्ची दरिंदगी की शिकार ,शर्मसार हादसा

सदियों पहले रावण को मारा राम ने
वह तो जिंदा हो रहा बार बार मर के
कभी निर्भया  पकड़ता कभी गुड़िया
रावण ने डाले है जगह जगह पर डेरे
रूप अनेक बदल  शोषण रहा है कर
फेंकता तेज़ाब कभी इज्ज़त रहा हर
चीख रही सीता आंसू  नैनो में भर के
हे राम आओ संहार रावण का करने


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