सुन कर अब पुकार मेरी
तुम जल्दी से आ जाओ।
कहाँ छुपे हो ओ मेरे प्रभु ,
दरस अपना दिखा जाओ॥
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पार लगा दीजो नैया मेरी,
डगमगा रही बीच मझधार।
सहारा अब तेरा ही पा कर,
मिले चैन मेरे इस मन को ॥
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मुश्किल है राहें मेरी मगर ,
तुम हो भक्तों के रखवाले ।
हर पल रहते हो साथ मेरे ,
विघ्नहर्ता विघ्न हरो सबके॥
हार्दिक धन्यवाद सरिता जी
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