Monday, 14 November 2016

सिलसिला प्यार का न टूटे अब

याद तेरी  सता रही है मुझे 
ज़िन्दगी अब बुला रही है मुझे 

चोट खाते  रहे  यहाँ साजन 
पीड़  दिल की जला  रही है मुझे 

छिप गये हो कहाँ जहाँ में तुम 
याद फिर आज आ रही है मुझे 
.. 
सिलसिला प्यार का न टूटे अब 
मौत जीना सिखा  रही है मुझे 
... 
आ मिला कर चलें कदम हम तुम 
चाह तेरी  लुभा रही है मुझे 

रेखा जोशी 

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