Thursday, 6 July 2017

गीतिका


मापनी  - 122   122. 122. 122

पिया आज तुमको मनाने चला हूँ
सदा साथ तेरा    निभाने  चला हूँ
,
सहारा  मिला आज तो  ज़िंदगी में
गिले औऱ शिकवे मिटाने  चला हूँ

नहीं अब बहारें   नज़ारे  नहीं अब
यहाँ फूल उपवन  खिलाने चला हूँ
,
भुला कर सभी गम यहाँ ज़िन्दगी में
सजन ज़िन्दगी अब बनाने चला हूँ
,
मिला साथ तेरा मिली आज मंज़िल
यहाँ आज   जीवन बिताने चला हूँ

रेखा जोशी

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