मापनी - 122 122. 122. 122
पिया आज तुमको मनाने चला हूँ
सदा साथ तेरा निभाने चला हूँ
,
सहारा मिला आज तो ज़िंदगी में
गिले औऱ शिकवे मिटाने चला हूँ
नहीं अब बहारें नज़ारे नहीं अब
यहाँ फूल उपवन खिलाने चला हूँ
,
भुला कर सभी गम यहाँ ज़िन्दगी में
सजन ज़िन्दगी अब बनाने चला हूँ
,
मिला साथ तेरा मिली आज मंज़िल
यहाँ आज जीवन बिताने चला हूँ
रेखा जोशी
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