दो दिन की है ज़िन्दगी पूरे अरमान कीजिए रंग रूप का अपने न कभी भी गुमान कीजिए रहें सदा हर्षित मनाएँ उत्सव सी जिंदगी पल दो पल यहाँ पर कभी तो आराम कीजिए रेखा जोशी
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