Wednesday, 8 August 2018

मुक्तक

दो दिन की है ज़िन्दगी पूरे अरमान कीजिए
रंग रूप का अपने न कभी भी गुमान कीजिए
रहें सदा हर्षित मनाएँ उत्सव सी जिंदगी
पल दो पल यहाँ पर कभी तो आराम कीजिए
रेखा जोशी

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