Thursday 30 May 2013

ईमान है पैसा

ये कहाँ जा रहे है हम
बंद आँखों से किसके पीछे
तोड़ते रिश्ते छोड़ते संस्कार
ठोकर में हैअब धर्म ईमान
लहू दौड़ता रगों में जो
बनता जा रहा वह  पानी
न माँ अपनी न बाप अपना
खून के प्यासे  भाई भाई
उड़ गई महक प्यार की
सुनाई देती खनक पैसे की
प्यार है पैसा ईमान है पैसा
बस पैसा ,पैसा और पैसा



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