Monday, 27 May 2013

आईना जिंदगी का

आईना जिंदगी का [गीत]

मन यह मेरा  तो पगला है
पर आईना  वो जिंदगी का
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डूब  जाता  है  कभी तो वो
भावनाओं   के समन्दर में
उमड़  उमड़  आता है प्यार
कोई अंत  नही नफरत का
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रोता  बिछुड़ने  से तो कभी
गीत खुशियों के गाता कभी
है   आँसू  भी  बहाता  कभी
पर प्याला  भी  है  प्रेम  का
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छोटा  सा  है  यह  जीवन  रे
हर पल  यूँ  हाथ  से  छूटा  रे
सुन   ओ  पगले  मनुवा  मेंरे
है  मोल बहुत रे इस पल का
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मन यह मेरा  तो पगला है
पर आईना  वो जिंदगी का

रेखा जोशी








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