Saturday 18 May 2013

स्नेहिल साथ


मै हूँ धरती
आसमान पे चाँद
साथ साथ है
....................
शीतल तन
लहराती चांदनी
छटा बिखरी
...................
ठंडी हवाएं
जल रहा बदन
तड़पा जाती
.................
स्नेहिल साथ
अंगडाई प्यार की
बहार आई
..................
रात की रानी
दुधिया चांदनी है
महके धरा

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