लाल लिबास टोपी पहन कर
प्यारे बच्चों को देने उपहार
बड़े दिन की थी वह सर्द रात
निकल पड़ा वह घर से बाहर
सुंदर तोहफों को झोली में भर
था सब का प्यारा सांताक्लाज
चुपके से रखता जाता हर घर
सुंदर सुंदर से बढ़िया उपहार
थी ठंडी सर्द वह बर्फीली रात
फुटपाथ पर सोया इक बालक
हैरान था सांताक्लाज उसे देख
वह रहा सिकुड़ थी शीत लहर
झोली से निकाला इक कम्बल
चुपके से ओढ़ा उस बच्चे पर
पाया उसने सुखद अहसास
था सब से बढ़िया वह उपहार
था सब से बढ़िया वह उपहार
रेखा जोशी
प्यारे बच्चों को देने उपहार
बड़े दिन की थी वह सर्द रात
निकल पड़ा वह घर से बाहर
सुंदर तोहफों को झोली में भर
था सब का प्यारा सांताक्लाज
चुपके से रखता जाता हर घर
सुंदर सुंदर से बढ़िया उपहार
थी ठंडी सर्द वह बर्फीली रात
फुटपाथ पर सोया इक बालक
हैरान था सांताक्लाज उसे देख
वह रहा सिकुड़ थी शीत लहर
झोली से निकाला इक कम्बल
चुपके से ओढ़ा उस बच्चे पर
पाया उसने सुखद अहसास
था सब से बढ़िया वह उपहार
था सब से बढ़िया वह उपहार
रेखा जोशी
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