सर्द हवा के झोंकों से कांपता है तन बदन
छाये बदरा आसमान पर बढ़ गई है ठिठुरन
आओ अब मिल बैठ कर सेक तो ले आग हम सब
प्यार से मिलें इक दूजे से दूर करें सिहरन
रेखा जोशी
छाये बदरा आसमान पर बढ़ गई है ठिठुरन
आओ अब मिल बैठ कर सेक तो ले आग हम सब
प्यार से मिलें इक दूजे से दूर करें सिहरन
रेखा जोशी
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