हंस हंसिनी का जोड़ा निर्मल जल में लगा झूमने
चाँद सा मुखड़ा देख हंसिनी का लगा हंस चहकने
,
कमल खिले खुशियों के तब जैसे खिले कलियों से फूल
मिले इक दूजे के दिल लगे संग संग वोह धड़कने
,
लहर लहर लहराते गाते नदिया में प्रेम के गीत
प्रियतम से मिल लिखी प्रेम कहानी प्रीत लगी मचलने
,
बना रहे स्नेह सदा आती रहें बहारें ज़िन्दगी में
देख प्यार दोनों का तरंगिनी भी अब लगी बहकने
,
इक दूजे का बन सहारा जीते इक दूजे को देख
हाथ जोड़ भगवन से मांगे जन्म जन्म का साथ बने
रेखा जोशी
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