Wednesday, 1 November 2017

कभी रूठती कभी हम को मनाती

है  लाडो  हमारी  सब को  नचाती
कभी रूठती कभी हम को मनाती
खेलती कूदती घर अँगना  बिटिया
बचपन सुहाना  मुझे  याद दिलाती

रेखा जोशी

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