Monday, 30 October 2017

जय माँ गंगे हर हर गंगे

कल कल शोर मचाती
नाचती इठलाती
उतरी हिमालय की गोद से
आई भारत की धरा पर
जीवन दाती
भागीरथी को करते नमन
है पावन नीर बहती धारा
छलकता अमृत
बूंद बूंद  में इसकी
नदी नहीं यह मैया हमारी
करते माँ  गंगा  को नमन 
इसके लहराते आँचल में
बस रहा हमारा वतन
उगल रही सोना धरती
जाये जहां
निर्मल इसका जल
जय माँ गंगे हर हर गंगे
सदियों तक तुम बहती जाना
जय माँ गंगे हर हर गंगे
देश हमारा समृध्द बनाना
जय माँ गंगे हर हर गंगे
जय माँ गंगे हर हर गंगे

रेखा जोशी

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