Monday 9 October 2017

अब हम जियेंगे और मरेंगे साथ साथ

जीवन की राहों में ले हाथों में हाथ
साजन मेरे अब हम चल रहे साथ साथ

अधूरे  है हम  तुम बिन सुन साथी  मेरे
आओ जीवन का हर पल जिएं साथ साथ

हर्षित हुआ  मन देख  मुस्कुराहट तेरी
दोनों सदा खिलखिलाते रहें साथ साथ

आये कोई मुश्किल कभी जीवन पथ पर
मिल कर दोनों सुलझा लेंगे साथ साथ

तुमसे बंधी हूँ मै  साथी यह मान ले
प्रेम बँधन में बंधे हम चलें साथ साथ

छोड़ न जाना तुम कभी राह में अकेले
आरज़ू है यही जिएं और मरें साथ साथ

रेखा जोशी

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