जीवन की राहों में ले हाथों में हाथ
साजन मेरे अब हम चल रहे साथ साथ
अधूरे है हम तुम बिन सुन साथी मेरे
आओ जीवन का हर पल जिएं साथ साथ
हर्षित हुआ मन देख मुस्कुराहट तेरी
दोनों सदा खिलखिलाते रहें साथ साथ
आये कोई मुश्किल कभी जीवन पथ पर
मिल कर दोनों सुलझा लेंगे साथ साथ
तुमसे बंधी हूँ मै साथी यह मान ले
प्रेम बँधन में बंधे हम चलें साथ साथ
छोड़ न जाना तुम कभी राह में अकेले
आरज़ू है यही जिएं और मरें साथ साथ
रेखा जोशी
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