तेज़ाब (लघु कथा)
ऋतु की हालत बहुत गम्भीर थी ,उसका सारा बदन बुरी तरह से जल गया था,आफिस से आते समय किसी सिरफिरे ने उस पर तेज़ाब फेंक दिया,उफ़ उसकी तड़प देखी नहीं जा रही थी , ऋतु के मां बाप का रो रो कर बुरा हाल था ,पुलिस में रिपोर्ट की तब तफ्तीश हुई तो पता चला कि यह उसके एक सहयोगी अरुण का किया धरा था जो एक अमीर आदमी का बिगडै़ल बेटा था और ऋतु ने उसका प्रणय आग्रह ठुकरा दिया था ।
पुलिस को सबूत दिए गए,कोर्ट में गवाह पेश किए गए और उसे कारावास की सजा भी हुई लेकिन एक महीने के अंदर ही उसकी जमानत हो गई ।एक बार फिर से पैसा जीत गया और एक अपराधी किसी और पर तेज़ाब फेंकने के लिए आजाद था
रेखा जोशी
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