Thursday, 12 October 2017

जल रहे दीपक से जगमगाना सीख ले

जो गिर गए हैं उनको उठाना सीख ले
जल रहे दीपक से जगमगाना सीख ले

महकती बगिया खिले रंग बिरंगे फूल
संग संग फूल के मुस्कुराना सीख ले
,
गीत गा रहे आज भँवरे उपवन उपवन
संग संग गीत तुम गुनगुनाना सीख ले
,
मचल रहे आज हमारे दिल के अरमान
हमें आज तुम अपना बनाना सीख ले
,
बांट ले अब खुशियाँ सबको गले लगाकर
मिल सभी अपनों से खिलखिलाना सीख ले

रेखा जोशी

No comments:

Post a Comment