1 मीत प्रीत जाने नहीं, समझे न प्रेम प्यार मन से जोगी जोगड़ा, सब से प्रीत अपार 2 सूरज निकला है गगन, पंछी करते शोर जागो तुम अब नींद से, चहक उठी है भोर
रेखा जोशी
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