Wednesday, 18 October 2017

फुलवारी


अँगना खिली आज फुलवारी है
फ़ूलों  से  महकी अब क्यारी  है
नाचते  झूम  झूम   मोर  बगिया
कुहुके   कोयल   डारी  डारी  है

रेखा जोशी

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