1222 1222 1222
नहीं कोई यहां दीवार अब साजन
किया हमने पिया इकरार अब साजन
,
जिया लागे न सजना अब बिना तेरे
चले आओ पुकारे प्यार अब साजन
,
बहारे है खिला उपवन पिया आ जा
नज़ारों से न कर इनकार अब साजन
,
किसे साजन सुनाएँ हाल दिल का हम
चलो लेकर हमें उस पार अब साजन
,
करें हम याद तुमको हर घड़ी हर पल
यहां पर ज़िंदगी संवार अब साजन
रेखा जोशी
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