नहीं मुश्किल नदी के पार होना
रहे माँझी अगर बेदार होना
,
हमारे ख्वाब है पूरे हुए अब
कहो उनसे न फिर मिस्मार होना
,
कहें कैसे सजन से बात दिल की
झुकी आँखें कहें है आर होना
,
सहारा कौन देता इस जहां में
उठो खुद ही न फिर बेगार होना
,
रखा हमने छुपा कर प्यार दिल में
निगाहों से बयां हैं प्यार होना
,
सितारों से सजी महफिल यहां पर
किसी का आज है दीदार होना
रेखा जोशी
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