छंद ..लौकिक अनाम मात्राभार २२ यति ११/११,मापनीमुक्त,पदान्त 2 गुरु
गीतिका..
छाई काली घटा,सखी सावन आया
झूमें मोरा जिया,गगन बादल छाया
,
बादल गरजे घनन ,जिया धड़के मोरा
भीगा तन मन आज , पिया बिना न भाया
,
हरियाली चहुँ ओर , हवा है मतवाली
अँगना नाचे मोर, गीत कोयल गाया
,
झूला झूले आलि , खिली झूमती बगिया
सोंधी सोंधी महक,फूल उपवन हर्षाया
,
परदेस गये पिया, नही कुछ भी भाये
बिजुरी चमकी गगन ,ह्रदय है दहलाया
रेखा जोशी
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