Friday, 30 March 2018

अँगना नाचे  मोर, गीत कोयल गाया


 छंद ..लौकिक अनाम मात्राभार २२ यति ११/११,मापनीमुक्त,पदान्त 2 गुरु
    
गीतिका..
 
छाई काली घटा,सखी सावन आया
झूमें मोरा जिया,गगन  बादल  छाया
,
बादल गरजे घनन ,जिया धड़के मोरा
भीगा तन मन आज , पिया बिना न भाया
,
हरियाली चहुँ ओर , हवा है मतवाली
अँगना नाचे  मोर, गीत कोयल गाया
,
झूला झूले आलि , खिली झूमती बगिया
सोंधी सोंधी  महक,फूल  उपवन हर्षाया
,
परदेस गये पिया, नही कुछ भी भाये
बिजुरी चमकी गगन ,ह्रदय है दहलाया

रेखा जोशी

No comments:

Post a Comment