जब एकरस होते दिल और दिमाग जज़्बात उतर आते कागज़ पर कम नही किसी जादूगर से कलमकार मचा सकता तहलका आ सकती क्रान्ति विश्व में उसकी कलम की पैनी धार से जो खामोश करती वार हम सबके दिलों पर झकझोर कर विचारों को दिखा देती इक नवीन दिशा
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment