सदियों पहले
रावण को मारा राम ने
वह तो जिंदाहो रहा
बार बार मर के
कभी पकड़ता निर्भया
कभी गुड़िया
रावण ने डाले
है जगह जगह पर डेरे
है रूप अनेक
बदल शोषण कर रहा
फेंकता तेज़ाब कभी
इज्ज़त हर रहा
चीख रही सीता
आंसू भर नैनो में
हे राम आओ
संहार रावण का करने
रेखा जोशी
रावण को मारा राम ने
वह तो जिंदाहो रहा
बार बार मर के
कभी पकड़ता निर्भया
कभी गुड़िया
रावण ने डाले
है जगह जगह पर डेरे
है रूप अनेक
बदल शोषण कर रहा
फेंकता तेज़ाब कभी
इज्ज़त हर रहा
चीख रही सीता
आंसू भर नैनो में
हे राम आओ
संहार रावण का करने
रेखा जोशी
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