सुबह शाम हम तुमको याद किया करते है
तेरे ही सपनों में हम खोये रहते है
गुजर जाता है दिन तो मगर शाम को सजन
संध्या के बस दो बोल सुहाने लगते है
तेरे ही सपनों में हम खोये रहते है
गुजर जाता है दिन तो मगर शाम को सजन
संध्या के बस दो बोल सुहाने लगते है
रेखा जोशी
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