जीवन में जब भी कभी अपने न हमारे हुए
टूट जाता दिल फिर तो दर्द ही सहारे हुए
रूकती नही कभी भी ज़िंदगी किसी के बिना
प्रेम का इक दीप जलाने से उजियारे हुए
रेखा जोशी
टूट जाता दिल फिर तो दर्द ही सहारे हुए
रूकती नही कभी भी ज़िंदगी किसी के बिना
प्रेम का इक दीप जलाने से उजियारे हुए
रेखा जोशी
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