अपनों से दूर वह मरते देश की आन पर
वीर सिपाही जो मर मिटे देश की शान पर
मांग रहे जो सबूत होता देख कर अचम्भा
सेक रहे वह रोटियाँ शहीदों की जान पर
रेखा जोशी
वीर सिपाही जो मर मिटे देश की शान पर
मांग रहे जो सबूत होता देख कर अचम्भा
सेक रहे वह रोटियाँ शहीदों की जान पर
रेखा जोशी
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