Thursday, 13 October 2016

आतँकवाद दुश्मन हमारा ,कर दें उसका काम तमाम



दुश्मन के नापाक इरादे, क्रोधित भारत का आवाम 
कफन ओढ़ कर सो रहे कई, बात अब यह हो गई आम
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है राजनीति करते अनेक ,सिपाहियों  के बलिदान पर
बहाया है खून वीरों ने ,यह  घर में  करते   आराम
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सीमा पर जाबाज़ सिपाही,है लड़ने को सब तैयार
जान की बाजी लगाते वो ,हम सब करें उनको  प्रणाम
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मानवता का दुश्मन है वह ,मारते वह निर्दोषों को
आतँकवाद  दुश्मन हमारा ,कर दें  उसका  काम तमाम
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बहुत खेली खून की होली ,अब  पाठ उन्हें भी  पढाना
है साथ दे रहे  जो उनका ,देते अब  उनको  पैगाम

रेखा जोशी

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