दुश्मन के नापाक इरादे, क्रोधित भारत का आवाम
कफन ओढ़ कर सो रहे कई, बात अब यह हो गई आम
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है राजनीति करते अनेक ,सिपाहियों के बलिदान पर
बहाया है खून वीरों ने ,यह घर में करते आराम
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सीमा पर जाबाज़ सिपाही,है लड़ने को सब तैयार
जान की बाजी लगाते वो ,हम सब करें उनको प्रणाम
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मानवता का दुश्मन है वह ,मारते वह निर्दोषों को
आतँकवाद दुश्मन हमारा ,कर दें उसका काम तमाम
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बहुत खेली खून की होली ,अब पाठ उन्हें भी पढाना
है साथ दे रहे जो उनका ,देते अब उनको पैगाम
रेखा जोशी
है राजनीति करते अनेक ,सिपाहियों के बलिदान पर
बहाया है खून वीरों ने ,यह घर में करते आराम
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सीमा पर जाबाज़ सिपाही,है लड़ने को सब तैयार
जान की बाजी लगाते वो ,हम सब करें उनको प्रणाम
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मानवता का दुश्मन है वह ,मारते वह निर्दोषों को
आतँकवाद दुश्मन हमारा ,कर दें उसका काम तमाम
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बहुत खेली खून की होली ,अब पाठ उन्हें भी पढाना
है साथ दे रहे जो उनका ,देते अब उनको पैगाम
रेखा जोशी
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