ओ चाँद
पाना चाहती हूँ तुम्हें
जैसे ही करीब आती हूँ तेरे
उतने ही हो जाते हो
तुम दूर बहुत दूर मुझसे
..
मै तो
हर यतन कर हारी चंदा
उपर भी आ गई धरा से
जितना पास आती हूँ मैं तेरे
उतने ही हो जाते हो
तुम दूर बहुत दूर मुझसे
.
बढ़ती जा रही
तुम्हें पाने की चाहत
और तुम
बढ़ाते ही जा रहे हो मुझसे दूरियाँ
आ जाओ पहलू में मेरे
मत जाओ चंदा
तुम दूर बहुत दूर मुझसे
रेखा जोशी
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