ढूँढ रहे लगा तेरी गलियों के फेरे पड़ गये छाले अब तो पैरों में मेरे सूखे नयन के आँसू भी याद में पिया अस्त व्यस्त हुई है जिंदगी बिन तेरे
रेखा जोशी
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