आसमां से आज फिर जम कर बरसात हुईं दिल मचलता रहा तुमसे न मुलाकात हुई रिमझिम बरसी बूंदें है नहाया तन बदन अब के सावन पिया न जाने क्या बात हुई
रेखा जोशी
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