नदी के दो किनारे
मिल न पायें कभी
साथ साथ चलते हुए
बिलकुल हमारी तरह
अलग अलग
समय की
बहती धारा के संग
बहती धारा के संग
न जाने
कैसे बाँध दिया हमे
इक सुंदर नन्ही परी
जिसने जोड़ दिया
जिसने जोड़ दिया
नदी के दो पाटों
को
एक सशक्त पुल से
एक सशक्त पुल से
रेखा जोशी
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