तुम्हारी चाहत इस तरह मुझ में समा जाती है
जैसे महक फूलों की हवा में घुल मिल जाती है
जब भी आते हो मेरी नजरों के सामने तुम
हर तरफ बहारों की महफ़िल सी छा जाती है
जैसे महक फूलों की हवा में घुल मिल जाती है
जब भी आते हो मेरी नजरों के सामने तुम
हर तरफ बहारों की महफ़िल सी छा जाती है
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