Saturday, 1 June 2013

रात स्वप्न में आई भारत माता

रात स्वप्न में आई भारत माता मेरी
ममतामयी मूरत आँखों में स्नेह लिए
तिरंगा लिए वो घूम रही थी भारत में
अमर शहीदों संग सज रही मैया मेरी
दुखी थी वह अपने  बच्चों को देख के
भाईचारे का माँ ने दिया संदेश था जो
न जाने सब भूल के भाई भाई लड़ रहे
 माँ के अपने पूत ही उसे नोच खा रहे
कहाँ है लाल बहादुर गांधी से  बेटे वो
जकड़ लिया है उसे अनेक घोटालों ने
आंसू भर आँखों में शहीदों से पूछ रही
क्या यही है हमारे सपनों का भारत ?

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