टेढ़ी मेढ़ी छोटी पगडंडिया
चल रहा अकेला मै उन पर
आसमां पर चमकता सूरज
हो चुकी सुबह मै अँधेरे में
छाई तमस थी काली घटा
ताने बानो में उलझता रहा
हर कदम पर मुड़ते रास्ते
चला जा रहा धुन में खोया
जाने किधर चला जा रहा
गूंजते बोल कहीं भीतर मेरे
तू ढूंढ़ने किसे चला जा रहा
घनी तमस से बाहर निकल
जो बीत गया उसे भूल जा
पग चूमती नव उषाकिरण
ढूँढ़ लो तुम सुनहरे वो पंख
फैला के अपने पंख फिर से
छू लो ऊँचे आसमां को तुम
चल रहा अकेला मै उन पर
आसमां पर चमकता सूरज
हो चुकी सुबह मै अँधेरे में
छाई तमस थी काली घटा
ताने बानो में उलझता रहा
हर कदम पर मुड़ते रास्ते
चला जा रहा धुन में खोया
जाने किधर चला जा रहा
गूंजते बोल कहीं भीतर मेरे
तू ढूंढ़ने किसे चला जा रहा
घनी तमस से बाहर निकल
जो बीत गया उसे भूल जा
पग चूमती नव उषाकिरण
ढूँढ़ लो तुम सुनहरे वो पंख
फैला के अपने पंख फिर से
छू लो ऊँचे आसमां को तुम
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