Sunday, 2 June 2013

जल संरक्षण [व्यंग ]

पत्नी  पति  से बोली
'ऐ जी जरा  सुनते हो
जल  संकट  है  भारी ''
 ढंग  से  करना  जरा
तुम   इस्तेमाल पानी
पानी नही  होगा जब
नही बनेगा खाना तब
भूखे पेट  भजना तुम
जय  जय हे  गोपाला
पतिदेव बोले जानेजां
मत  करो तुम अपने
यूँ  हीं  हाल को बेहाल
पानी का मै कर लूँगा
सही ढंग से इस्तेमाल
नहाता था हररोज़ मै  
फुव्वारे की  फुहार से
नहा लूंगा आज  बस
मै  मग दो  एक डाल
पतिदेव बोले ''डार्लिंग
तुम  न पानी  बहाना
न ही भोजन पकाना
न तो घर में  बनाना
न बाहर से मंगवाना
सेहत के लिए अच्छा
होता  उपवास करना

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