आखिर
क्या हासिल हुआ
उसे दे कर
अपनी जान
लड़ती और
बचाती रही अस्मिता
अपनी
समाज के दरिंदों से
हार गई उनसे
और लगा लिया
मौत को गले
इक दिन
मनाया शोक
दो दिन
फिर भूल गए
उसे
क्यों आखिर किया
उसने अपने
जीवन का अंत ?
रेखा जोशी
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