गीतिका
बिन तुम्हारे हमारा दिल बेकरार है
न जाने क्यूँ फिर भी तेरा इंतज़ार है
गुनगुना रहे गीत अब होंठों पे मेरे
गुनगुना रही शब् का हमें इंतज़ार है
गुनगुना रही शब् का हमें इंतज़ार है
खुश्बू तेरी महका रही हसीन लम्हे
इन लम्हों से हमें अब भी बहुत प्यार है
उतर के आया अब चाँद भी अंगना में
चारों ओर छाया खुमार ही खुमार है
भीगी आँखें भी तलाश रही है तुम्हें
नैनो को अब दीदार का इंतज़ार है
रेखा जोशी
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