रूप अनुपम देख चाँद सा चाँदनी शरमा जाती है याद तुम्हारी तन्हाई हमारी को महका जाती है दिल मे छुपा कर रखा सदा हमने प्यार अपना लेकिन दिल की बातें कभी कभी होंठों पर भी आ जाती है
रेखा जोशी
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