आधार छंद - विधाता (मापनीयुक्त मात्रिक)
मापनी - 1222 1222 1222 1222
सामान्त - आयी <> पदान्त - है।
खिले है फूल अंगना शाम प्यार करने की आई है
कहीं है प्यार का मौसम कहीं मिलती जुदाई है
कभी मिलती यहाँ खुशियाँ कभी मिलते यहाँ पर गम
चलों भूलें सभी गम प्यार से जी लें यहाँ हर दम
रेखा जोशी
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