Monday, 14 August 2017

कुकुभ छंद

 छंद कुकुभ
यह चार पद का अर्द्धमात्रिक छन्द है. दो चरणों के हर पद में 30 मात्राएँ होती हैं और यति १६,१४ पर होती है, पदां त में दो गुरु आते है।

हे माखनचोर नन्दलाला ,है मुरली मधुर बजाये 
धुन सुन  मुरली की गोपाला ,राधिका मन  मुस्कुराये
चंचल नैना चंचल चितवन, राधा को मोहन  भाये  
कन्हैया से  छीनी मुरलिया  ,बाँसुरिया  अधर लगाये

छंद पर आधारित मुक्तक 

हे माखनचोर नन्दलाला ,है मुरली मधुर बजाये 
धुन सुन  मुरली की गोपाला ,राधिका मन मुस्कुराये 
चंचल नैना चंचल चितवन,  गोपाला से प्रीत लगी
कन्हैया से छीनी मुरलिया  , बाँसुरिया अधर लगाये 

रेखा जोशी 

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