क्यों आंख से जल छलकता है
सबका सुख दुख से नाता है
,
है इसी का नाम तो जीवन
कौन खुशियां सदा पाता है
,
हाथों की लकीरों में लिखा
अपनी किस्मत का खाता है
,
हंसना रोना वक़्त के हाथ
वक़्त खेल यहां दिखाता है
,
ले लो सहारा प्रभु नाम का
वह साथ सबका निभाता है
रेखा जोशी
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