Tuesday 29 August 2017

मुक्तक


खिले फूल  उपवन में बहार के लिये
मिला सजना सजनी से प्यार के लिये
संग   चलते   मुस्कुराते  नज़ारे   भी
है ज़िन्दगी बस अब दिलदार के लिये

रेखा जोशी

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