ज़िन्दगी देती रहे दुख दर्द जब इंसान को बेचता यूं ही नहीं है आदमी ईमान को भूख से देखा तड़पते आदमी को जब यहां रख दिया इंसान ने फिर ताक पर सम्मान को
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment