Thursday, 7 September 2017

खुशी हो या गम जियेंगे मरेंगे हम सदा साथ साथ

संग  संग  रहेंगे  सदा अब  यह  कहानी हमारी है
तोता-मैना   बहुत   सुने अब   तेरी -मेरी  बारी है
,
खुशी हो या गम जियेंगे मरेंगे हम सदा साथ साथ
हमारे कदमों तले अब साजन यह दुनिया सारी है
,
राहें कभी भी न जुदा हो हमारी जीवन में प्रियतम
सूरज की तपिश मिले या घटा घिरे कारी कारी है
,
साथ साथ अब हम दोनों चले मिलाकर  कदम से कदम
बहका बहका मौसम  कुहुके कोयलिया हर डारी है
,
गुंजित भंवरे तितली मुस्कुराती फूल खिले उपवन
साथ हमें पिया का मिला महकने लगी फुलवारी है

रेखा जोशी

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