Friday 25 October 2013

तुम और मै

तुम और मै 
दोनों अलग अलग 
सम्पूर्ण नही 
अस्तित्व हमारा 
हर जन्म में 
खोजती तुम्हे 
पूर्ण होना 
चाहती  हूँ 
दैहिक नही 
आत्मिक भी 
टुकड़ों में नही 
पूर्ण होने की चाह 
युगों युगों से 
सर्वस्व हो कर 
जीना चाहती हूँ 
और मरना भी 

रेखा जोशी 

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