Sunday, 27 October 2013

तेरी यादों में

महकने  लगता  है  मेरा अंगना तेरी  यादों में
रात में सकून पाते  है हम तन्हा  तेरी यादों में
ख्वाबों से निकल कभी तो आओ जीवन में मेरे
कब तक  तड़पाते  रहोगे सजना  मेरी नींदों में 

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment