महकने लगता है मेरा अंगना तेरी यादों में
रात में सकून पाते है हम तन्हा तेरी यादों में
ख्वाबों से निकल कभी तो आओ जीवन में मेरे
रात में सकून पाते है हम तन्हा तेरी यादों में
ख्वाबों से निकल कभी तो आओ जीवन में मेरे
कब तक तड़पाते रहोगे सजना मेरी नींदों में
रेखा जोशी
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