Sunday, 1 June 2014

गरजत बरसत काले मेघा आये न पिया

रिम झिम रिम झिम
गरजत बरसत
काले मेघा
आये न पिया 

टप टप टिप टिप 
बरस रही 
बूंदे बारिश की 
पिया गये परदेस सखी री 
मोहे छोड़ अकेला
सूना अंगना बिन पिया
जले जिया
आये न पिया 

रिम झिम रिम झिम
गरजत बरसत
काले मेघा
इक बरसे बदरिया
दूजे मोरे नयना 
आये न पिया

बिजुरी चमके
धड़के जिया घर आजा
मोरे सावरियाँ
गरजत बरसत
काले मेघा
आये न पिया 

चारो ओऱ
जलथल जलथल
तरसे प्यासे नयना
पीर न जाने
इस दिल की
धड़के मोरा जिया

रिम झिम रिम झिम
गरजत बरसत
काले मेघा
आये न पिया

रेखा जोशी



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