ज़िंदगी में गम है बहुत
फिर भी
यह हसीन लगती है
कुछ पल गम
तो
कुछ पल ख़ुशी होती है
यूहीं ऋतुओं का आना जाना मुस्कुराना
और
हमसे यह कहना
हर गम तू भुला दे
आएं गे
खुशियों के पल
दोबारा
जो हो सके तो
मिटा दे
चिंताएँ अपनी सारी
जो हो सके तो
बदल दे
नफरतों की दिशा
फैला दे सब ओर
मुहब्बते ही मुहब्बते
अनुज शर्मा
फिर भी
यह हसीन लगती है
कुछ पल गम
तो
कुछ पल ख़ुशी होती है
यूहीं ऋतुओं का आना जाना मुस्कुराना
और
हमसे यह कहना
हर गम तू भुला दे
आएं गे
खुशियों के पल
दोबारा
जो हो सके तो
मिटा दे
चिंताएँ अपनी सारी
जो हो सके तो
बदल दे
नफरतों की दिशा
फैला दे सब ओर
मुहब्बते ही मुहब्बते
अनुज शर्मा
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